INDIA Alliance:- वर्तमान में भारतीय राजनीति में एक नई दिशा देखी जा रही है, जहां विभिन्न राजनैतिक नेता अपने-अपने रुझानों और स्टाइल के साथ सामना कर रहे हैं। INDIA गुट में टूट के विषय पर चर्चा करते समय, ममता बनर्जी और राहुल गांधी की गतिविधियों को लेकर कई प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जहां एक तरफ INDIA Alliance की नीव रखने वाले नीतीश ने इसका मुख्य उद्देश्य भारत के अंदर नफरती ताकतों से लड़ना, और सत्ता पर बैठी भाजपा के जबड़े में हाथ डालकर सत्ता से बाहर करना था, मगर चाचा अब तो पलट गए, लेकिन चाचा के जाने के बाद डैमेज कंट्रोल के नाम पर Congress ने चुप्पी साध ली, और चुप्पी साधी भी तो ऐसी की इतर राजनितिक पार्टियों में अब विरोध का बिगुल फूंकने लगा है जिसमे से अभी दीदी Mamta Banerjee का नाम ज्यादा चर्चे में है।
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Mamta Banerjee, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, को उनके सख्त रुझान और भाषा के लिए जाना जाता है। लेकिन उनके तेवर अब BJP से इतर Congress पर ही सख्त नजर आ रहे है, ये कहना ठीक होगा और नहीं भी होगा की जैसे अन्य विरोधी पार्टियां Congress के साथ बर्ताव करती है उसी से मिलता जुलता रवैया दीदी का भी नजर आ रहा है,बंगाल में Congress को एक भी सीट न देकर नदारद रखने का ऐलान ममता ने उस वक्त किया जब INDIA Alliance ताश के पत्तों की तरह बिखर रहा था!
Mamta Banerjee के इस बयान पर Congress की चुप्पी का क्या है राज ?
मैनिफेस्टो और रणनीति के बगैर Congress फिलहाल अपने नेता Rahul Gandhi की छवि को दैव्य बनाने का प्रयास कर तो रही है , इसका जरिया राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को माना जा रहा था,Nitish की पलटी पर Rahul Gandhi ने बिहार पहुंचते ही Nitish Kumar को मजाकिया अंदाज में घेरा और जातीय जनगणना का क्रेडिट अपनी ओर करने का बौना प्रयास किया, वही बंगाल में ममता के बयान पर Rahul Gandhi चुप नजर आए, इस मामले को समझने के लिए आपको 2019 के लोकसभा चुनाव की स्थिति को भांपना होगा, इस समय भी मायावती के ठीक ममता से मिलते जुलते तेवर नजर आए थे, लेकिन यहां Congress शांत है और अभी भी ममता संग मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी में है , इसका कारण है Mamta Banerjee की बंगाल के अन्दर जमाई हुई जमीन, बंगाल में ममता के समर्थक ऐसे है की जब पिछले बार विधानसभा चुनाव के वक्त इनके पार्टी के बड़े नेता सुभेंदु अधिकारी समेत कईं विधायक BJP मे शामिल हो गए थे उसके बावजूद भी ममता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई भाजपा बस बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी को ही नुकसान पहुंचाने में कामयाब हुई, ममता का जोर बंगाल में बरकरार रहा, अगर बंगाल का नेतृत्व ममता अकेली ही करती है तो, Congress भी इस बात को भली भांति समझती है की बंगाल अभी उनके दारो मदार से बाहर है, और BJP को अगर पटखनी देनी है तो बंगाल और ममता दोनो से ही नर्म पेश आना होगा !
INDIA गुट की जंग में इन दोनों नेताओं के बीच की राजनीतिक संघर्ष की रूपरेखा में एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण का परिचय दे रही है इसके साथ ही, ममता अपने राज्य को कैसे प्रबंधित करना है इसका गुणा भाग अच्छे से जानती है, इससे संबंधित नीतियों का भी विश्लेषण उन्होंने रणनीति पूर्ण ही तय किया है!
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यह चर्चा करना महत्वपूर्ण है कि ये राजनेता अपनी विचारशीलता और नेतृत्व की दृष्टि से कैसे अलग-अलग हैं और इससे कैसे उनका रूप आता है। भारतीय राजनीति के इस समय में, ये दोनों नेता अपने-अपने पैम्फलेट्स में दिखाए गए विचारों के माध्यम से जनता को प्रभावित कर रहे हैं।
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Written by
Md Shahzeb Khan