Champai Soren के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सरकार गठन में लगी झारखंड मुक्ति मोर्चा पर BJP की नीति साफ है। पार्टी सरकार गठन में किसी तरह का गतिरोध नहीं खड़ा करेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन में अंदरूनी असंतोष है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उनके पास संख्या है तो राज्यपाल उस पर निर्णय करेंगे। भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आवाज उठाई थी। उसी का नतीजा है कि ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है। अब पार्टी सरकार गठन के लिए राजभवन और झामुमो गठबंधन के बीच जो हो रहा है उसकी प्रतीक्षा कर रही है।
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झारखंड भाजपा के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बुधवार सुबह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मुलाकात कर राजनीतिक मंत्रणा की। वाजपेयी भी इसे राजभवन और गठबंधन के बीच का मामला बता रहे हैं।
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हेमंत की गिरफ्तारी के बाद BJP का ये है प्लान
भारतीय जनता पार्टी के नेता हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने को कानूनी प्रक्रिया बता रहे हैं। लेकिन इससे आदिवासी वोटों में संभावित नाराजगी का आकलन भी किया जा रहा है। ऐसे में पार्टी झामुमो सरकार गिराने या उसके गठन में किसी गतिरोध के आरोप से बच रही है।
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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिली बढ़त को भाजपा तोड़जोड़ के आरोप से हल्का करने का रिस्क नहीं ले रही है। हालांकि, भाजपा के गोड्डा से सांसद निशिकांत दूबे ने सोशल मीडिया पर झामुमो गठबंधन में संख्या कम रहने की बात कही है।
केंद्रीय नेतृत्व ने भी प्रदेश नेतृत्व को लोकसभा चुनाव पर फोकस करने को कहा है। सरकार के गठन या उससे जुड़े किसी प्रकरण में भाजपा नेताओं को किसी भी तरह का बयान नहीं देने का निर्देश है।झारखंड में हो रही राजनितिक घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने के लिए उनके खिलाफ माहौल बुनाया है। इससे आपत्तिजनक स्थिति में फंसे हुए झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन के बारे में विवाद बढ़ सकता है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अंदरूनी असंतोष का जिक्र करते हुए यह दिखाया है कि वह चाहते हैं कि गठबंधन में संगठित रूप से रहें, लेकिन संख्या के हक में उनका दृढ विश्वास है।झारखंड में आदिवासी वोटों का महत्वपूर्ण होना इस समय को राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती बना रहा है, और हेमंत सोरेन के गिरफ्तार होने से यह चुनौती और भी बढ़ सकती है। इसलिए, भाजपा ने गठबंधन के साथ गतिरोध नहीं खड़ा करने का फैसला किया है, ताकि वह आदिवासी वोटर्स को खो न दें।भाजपा का यह रणनीतिक चयन उन्हें झारखंड की स्थिति को समझने और विचार करने का अवसर देता है, क्योंकि वह अपनी वोटबैंक को बनाए रखने के लिए नए राजनीतिक परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
भाजपा के गोड्डा से सांसद निशिकांत दूबे की बातों से यह भी प्रकट हो रहा है कि गठबंधन के भीतर अंदरूनी असंतोष छिपा हुआ है, जिससे वह बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन के खिलाफ हुई ईडी जांच और उनके गिरफ्तार होने के बाद, भाजपा ने चुनौतीपूर्ण स्थिति में अपनी रणनीति को स्थापित करने का प्रयास किया है। इससे व्यापक राजनीतिक उठापटक हो रहा है, जहां अब गठबंधन और संख्या, दोनों ही महत्वपूर्ण अंश बन रहे हैं।भाजपा अपनी रणनीति में सटीक बनी रहने के लिए अब और भी उपायों का समीक्षण कर रही है, ताकि वह निर्धारित मुद्दों पर जनमत की भरोसा बनाए रख सके। इस दौरान, भाजपा के नेताओं को सतर्क रहना होगा ताकि वह राजनीतिक दलों के साथ वार्ता के माध्यम से संगठित रूप से और बिना किसी गतिरोध के गठबंधन में शामिल हो सकें
By
Shahzeb Khan