Chandigarh Mayor Election:- BJP के अंदर INDIA एलायंस की मजबूती को लेकर खौफ साफ सीधे तौर पर नजर आरहा है इसका सबसे हालिया ताजा सबूत है चंडीगढ़ का मेयर चुनाव,जिसको लेकर अब राजनीतिक उठा पटक तेज हो गई है!
भारतीय जनता पार्टी ने भारत की स्थिति को कुछ इस कदर बदल दिया है की अब देश के चुनाव प्रक्रिया पर भी आवाज उठाना लोगों की मजबूरी बन गई है, अपने ही देश में निष्पक्ष चुनाव के लिए झूझना ही मोदी की गारंटी है !
चंडीगढ़ में मंगलवार को हुए मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था। 16 वोट के साथ भाजपा के मनोज सोनकर जीत गए थे। वहीं आप और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट अमान्य घोषित कर दिए गए थे। हार के बाद गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा हाईकोर्ट पहुंच गए थे और चुनाव रद्द कर दोबारा करवाने की याचिका दायर की थी। उनका आरोप है की चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी ने जान बूझ कर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे प्रत्यासी के वोट को अमान्य ठहरा कर भाजपा को जिताने का काम किया है , इसपर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनो ने ही भाजपा के खिलाफ चुनाव में मोर्चा खोल दिया !
कांग्रेस प्रवक्ता ने लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी के बीच अब कांग्रेस के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर छिटापटक शुरू कर दिया है, इस मामले पर प्रवक्ता Supriya Shrinate ने सोशल मीडिया की जरिए भाजपा को घेरते हुए कहा की चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी Anil Masih भाजपा के करीबी है, उन्होंने इंडिया India Alliance का वोट अमान्य कर दिया, उनकी कुछ तस्वीरें भी मतपत्र में छेड़छाड़ करते हुए नजर आ रही है। इस मुद्दे पर गठबंधन मेयर प्रत्याशी मामला को हाई कोर्ट लेकर चले गए है, जहां उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर याचिका दायर की है।
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याचिका में क्या कहा गया?
अब चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतपत्रों से छेड़छाड़ कर भाजपा के प्रत्याशी को जिताने के आरोपों पर आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया है कि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होते हुए भी मतों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर वोटों की गिनती के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ की।
याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।
याचिका में बताया गया कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे। तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को चुनाव भी हुआ, लेकिन मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट अवैध करार दे दिए गए, जिसके चलते भाजपा का उम्मीदवार मेयर पर चुन लिया गया।
याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव करवाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी बावजूद इसके चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों के साथ छेड़छाड़ हुई। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली भरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए।
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दोस्तों ये कितनी मजेदार बात है अगर ये सच है की अब अधिकारी भी भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे है, लोकतंत्र के लिए ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, मगर जनता इस बात को समझने में अगर देरी करती है तो परिणामस्वरूप इस तरह से कुछ नहीं होगा बस पार्टी कोई भी हो वो दिन दूर नही की भारत फिर से राज्यतंत्र और गुलामी की ओर बढ़ जाएगा
Written By
Md Shahzeb Khan